ताहिरा कश्यप की पहली निर्देशित फिल्म ‘शर्माजी की बेटी’ ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय सिनेमा का परचम लहराया है। हाल ही में आयोजित कंटेंट एशिया अवॉर्ड्स 2025 में इस फिल्म को बेस्ट एशियन फीचर फिल्म (गोल्ड बेल्ट) का सम्मान मिला। इस श्रेणी में ‘व्हेयर इज़ द लाई?’ को सिल्वर और ‘हैलो, लव, अगेन’ को ब्रॉन्ज बेल्ट अवॉर्ड मिला। यह जीत ताहिरा और भारतीय फिल्म इंडस्ट्री दोनों के लिए गर्व का क्षण बन गई।
अपनी खुशी व्यक्त करते हुए ताहिरा ने कहा—
“शर्माजी की बेटी को बेस्ट एशियन फीचर फिल्म का खिताब मिलना मेरे लिए सिर्फ़ एक उपलब्धि नहीं बल्कि उन कहानियों की पहचान है जिन्हें हम दर्शकों तक पहुँचाना चाहते हैं। यह फिल्म मेरे दिल के बेहद करीब है और मुझे खुशी है कि यह कहानी एशिया भर के दर्शकों से जुड़ पाई।”
जहाँ आजकल फिल्मों में अक्सर फार्मूला और प्रेडिक्टेबल कहानियाँ देखने को मिलती हैं, वहीं ताहिरा ने इस फिल्म के जरिए एक नया और संवेदनशील नजरिया प्रस्तुत किया। स्त्रीत्व और उसकी जटिलताओं पर आधारित इस यथार्थवादी फिल्म ने न सिर्फ ताहिरा को खास पहचान दी, बल्कि उनके मजबूत सिनेमाई विज़न का भी जश्न मनाया गया।
यह पहली बार नहीं है जब ‘शर्माजी की बेटी’ ने पुरस्कार अपने नाम किए हों। इससे पहले इस फिल्म को एक्सचेंज4मीडिया अवॉर्ड्स में तीन सिल्वर बेल्ट अवॉर्ड्स मिल चुके हैं—बेस्ट फिल्म, बेस्ट राइटर (ताहिरा कश्यप) और बेस्ट एक्टर इन ए मूवी (दिव्या दत्ता)।
ताहिरा कश्यप का यह डेब्यू न सिर्फ उनके करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुआ है बल्कि हिंदी सिनेमा के लिए भी एक नई दिशा लेकर आया है। रिलेटेबल थीम, दमदार अदाकारी और संवेदनशील कहानी ने दर्शकों और समीक्षकों दोनों का दिल जीत लिया। अब ताहिरा उन फिल्मकारों की कतार में शामिल हो चुकी हैं जिनसे भविष्य में भी दर्शकों को बड़ी उम्मीदें हैं।
‘शर्माजी की बेटी’ ने जीता एशिया का गोल्ड अवॉर्ड
मुंबई (अनिल बेदाग): ताहिरा कश्यप की पहली निर्देशित फिल्म ‘शर्माजी की बेटी’ ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय सिनेमा का परचम लहराया है। हाल ही में आयोजित कंटेंट एशिया अवॉर्ड्स 2025 में इस फिल्म को बेस्ट एशियन फीचर फिल्म (गोल्ड बेल्ट) का सम्मान मिला। इस श्रेणी में ‘व्हेयर इज़ द लाई?’ को सिल्वर और ‘हैलो, लव, अगेन’ को ब्रॉन्ज बेल्ट अवॉर्ड मिला। यह जीत ताहिरा और भारतीय फिल्म इंडस्ट्री दोनों के लिए गर्व का क्षण बन गई।
अपनी खुशी व्यक्त करते हुए ताहिरा ने कहा—
“शर्माजी की बेटी को बेस्ट एशियन फीचर फिल्म का खिताब मिलना मेरे लिए सिर्फ़ एक उपलब्धि नहीं बल्कि उन कहानियों की पहचान है जिन्हें हम दर्शकों तक पहुँचाना चाहते हैं। यह फिल्म मेरे दिल के बेहद करीब है और मुझे खुशी है कि यह कहानी एशिया भर के दर्शकों से जुड़ पाई।”
जहाँ आजकल फिल्मों में अक्सर फार्मूला और प्रेडिक्टेबल कहानियाँ देखने को मिलती हैं, वहीं ताहिरा ने इस फिल्म के जरिए एक नया और संवेदनशील नजरिया प्रस्तुत किया। स्त्रीत्व और उसकी जटिलताओं पर आधारित इस यथार्थवादी फिल्म ने न सिर्फ ताहिरा को खास पहचान दी, बल्कि उनके मजबूत सिनेमाई विज़न का भी जश्न मनाया गया।
यह पहली बार नहीं है जब ‘शर्माजी की बेटी’ ने पुरस्कार अपने नाम किए हों। इससे पहले इस फिल्म को एक्सचेंज4मीडिया अवॉर्ड्स में तीन सिल्वर बेल्ट अवॉर्ड्स मिल चुके हैं—बेस्ट फिल्म, बेस्ट राइटर (ताहिरा कश्यप) और बेस्ट एक्टर इन ए मूवी (दिव्या दत्ता)।
ताहिरा कश्यप का यह डेब्यू न सिर्फ उनके करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुआ है बल्कि हिंदी सिनेमा के लिए भी एक नई दिशा लेकर आया है। रिलेटेबल थीम, दमदार अदाकारी और संवेदनशील कहानी ने दर्शकों और समीक्षकों दोनों का दिल जीत लिया। अब ताहिरा उन फिल्मकारों की कतार में शामिल हो चुकी हैं जिनसे भविष्य में भी दर्शकों को बड़ी उम्मीदें हैं।