फिल्म समीक्षा: लव करूँ या शादी

इन दिनों युवाओं के लिए सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि वह किसी से प्यार करें या पारिवारिक दबाव मे आकर अरेंज मैरेज करें. इसलिए इस सप्ताह सिनेमाघरों मे रिलीज हुई फिल्म का नाम ही है “लव करूँ या शादी?”. फिल्म की कहानी इसी मुश्किल परिस्थितियों के बीच घूमती है. इस रोमांटिक ड्रामा मे कॉमेडी, म्युज़िक  का तड़का भी है. 

फिल्म की स्टोरी राहुल (आकर्ष अलघ) के बारे में है जो प्रिया (मैरिना सिंह) से प्यार करता है. लेकिन राहुल की माँ गुरु मां के कहने पर राहुल की शादी किसी और लड़की से करना चाहती है. उधर राहुल का दोस्त राज (मीशा कपूर) राहुल को बिना शादी किए मौज मस्ती करने की सलाह देता है. बाद में एक गलतफहमी के कारण राहुल और प्रिया के रिश्ते में दरारें आ जाती हैं. क्लाईमेक्स मे क्या होता है इसके लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी. 

जहाँ तक अदाकारी की बात है आकर्ष अलघ ने बेहतर अभिनय किया है. प्रिया के रोल मे मैरिना सिंह ने जान डाल दी है. उनके हिस्से में हर प्रकार के दृश्य, भावनाएं आई हैं जिन्हें उन्होंने एक मैच्योर अभिनेत्री के रूप मे पेश किया है. राज की भूमिका मे मीशा कपूर बेहद कॉन्फिडेंट नजर आए हैं. काजल के रोल मे प्रीति सिंघानिया ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई है. राहुल के पिता के रोल मे गोविंद नामदेव ने अच्छी अदाकारी की है. क्लाईमेक्स मे गोविंद नामदेव की स्पीच बहुत प्रभावी और इमोशनल है. अली असगर ने मामा के किरदार को यादगार बनाने की कोशिश की है. 

फिल्म एक बार देखने लायक है. पारिवारिक मूल्यों की बात करती फिल्म मे आज की युवा पीढ़ी के अँग्रेजी कल्चर मे रंगने को दर्शाया गया है और भारतीय संस्कार की महत्ता और महानता भी बताई गई है. फिल्म के गाने अच्छे हैं. फिल्म “नो मीन्स नो” और भ्रूण हत्या को रोकने जैसे संवेदनशील मुद्दे पर भी अपनी बात रखती है. फिल्म के निर्देशक जयप्रकाश शॉ ने फिल्म के प्रस्तुतीकरण मे ऐसा आकर्षण रखा है जो दर्शकों के दिलों को छू लेता है।

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